Talk to India's best Astrologers
First Consultation at ₹1 only
Login
Enter your mobile number
कुंडली में दशा, महादशा व्यक्ति के जीवन में ग्रहों के असर को बताती हैं। इसके अलावा, हिन्दी में महादशा (Mahadasha in hindi) का अर्थ प्रमुख काल से जुड़ा है। महादशाएँ ग्रहों की अवधियाँ होती हैं। प्रत्येक ग्रह आपके जन्म के समय से शुरू होकर एक तय अवधि तक आपके जीवन को प्रभावित करता है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ते रहें।
हिन्दी में महादशा (Mahadasha in hindi) को किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की अवधि भी कहा जाता है। ग्रहों की महादशा के प्रभावों पर विचार करने से पहले आइए नौ खंडों में विभाजित 120 सालों पर एक नज़र डालें, जिनमें प्रत्येक खंड पर एक ग्रह स्थित होता है।
| महादशा नाम | अवधि (दशा काल) |
|---|---|
| सूर्य महादशा | 6 साल |
| शुक्र महादशा | 20 साल |
| शनि महादशा | 19 वर्ष |
| चंद्रमा महादशा | 10 वर्ष |
| बृहस्पति महादशा | 16 वर्ष |
| केतु महादशा | 7 साल |
| राहु महादशा | 18 वर्ष |
| मंगल महादशा | 7 साल |
| बुध महादशा | 17 वर्ष |
| कुल महादशा | 120 साल |
कुंडली में दशा, महादशा से जीवन के अच्छे और कठिन समय का अंदाज़ा लगाया जाता है। हालांकि ग्रहों की अपनी एक क्रिया होती है जो हमारे जीवन से जुड़ी होती है और उनसे जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करती है। प्रत्येक ग्रह हमारी राशि में एक तय समय तक रहकर अपना प्रभाव डालता है जिसे ज्योतिष में महादशा कहा जाता है। आइए नीचे महादशा का हिंदी में मतलब (Mahadasha meaning in hindi) और नौ ग्रह भूमिका के बारे में जानते हैं।
सूर्य नाम, दौलत, सम्मान और करियर में तरक्की प्रदान करता है। राजनीति और बड़े सरकारी पदों से जुड़े लोगों को इस महादशा के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
यदि सूर्य सही स्थिति में है तो लोग जीवन के सभी पहलुओं में सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं, जैसा पहले बताया जा चुका है। यदि ऐसा नहीं है तो लोगों को कमज़ोर पाचन शक्ति, दिल से जुड़ी दिक्कतें, भ्रम और चिंता जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह कुंडली में 6 सालों तक रहता है।
ज्योतिष में शुक्र महादशा हृदय से जुड़े मामलों से संबंधित है, भावनात्मक और शारीरिक दोनों रूप से। यह सुंदरता, मनोरंजन और प्यार पर भी प्रकाश डालती है। यह संतान प्राप्ति, रिश्तों को संवारने और संतुलन बनाने के बारे में भी है।
जब जन्म कुंडली में शुक्र की स्थिति गड़बड़ा जाती है तो बुरे प्रभाव और बुरे परिणाम दिखाई देते हैं। वैवाहिक जीवन में मुश्किलें आती हैं, प्रेमियों के बीच लगातार झगड़े होते हैं, त्वचा रोग, दिल टूटना जैसी समस्याएँ सामने आती हैं।
शनि महादशा आपको कई चुनौतियाँ देकर सफलता, समझदारी और मजबूती के मार्ग पर ले जाती है। यह आपकी परीक्षा लेती है और आप पर विश्वास करती है। यह जानते हुए कि आप सभी बाधाओं को सफलतापूर्वक पार कर लेंगे और आखिर में विजयी होंगे।
यह आपको जीवन के प्रमुख क्षेत्रों - प्रेम, करियर, धन, रिश्ते और विवाह के नकारात्मक पहलुओं से परिचित कराती है। जब यह महादशा समाप्त होती है तो आप एक बेहतर और अधिक शक्तिशाली व्यक्ति बन जाते हैं। यह अच्छे काम करवाती है और आपको पुराने कर्मों के बोझ से मुक्ति दिलाने में मदद करती है।
ज्योतिष में चंद्रमा की महादशा आपको एक भावुक व्यक्ति बनाती है और इसलिए इस समय के दौरान आपकी भावनाएँ बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाली हैं। जब आपको महत्वपूर्ण फैसले लेने की जरूरत होती है तो चंद्रमा आपकी कुंडली पर रहता है।
जब चंद्रमा आपके नक्षत्र में सही स्थान पर नहीं होता तो यह आपको थोड़ा कमज़ोर बना देता है और आप टकराव से बचते हैं। आप खुद को दुसरों से कमजोर समझने लगते हैं। आप अकेला रहना पसंद करने लगते हैं लेकिन इसका आपके स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ता।
ग्रहों की महादशा के अनुसार, बृहस्पति की महादशा में आप भाग्य, नियति, पढ़ाई और धर्म से जुड़े ज्ञान से प्रभावित होते हैं। इस महादशा में आपका झुकाव पुस्तकों की ओर होता है। आपकी कुंडली में बृहस्पति के मजबूत होने से आपको दुनिया की सारी खुशियाँ मिलती हैं।
जब बृहस्पति की स्थिति बिगड़ती है तो आपके काम करने का ढंग प्रभावित होता है। इसका मतलब है कि आपका पूरा जीवन प्रभावित होता है। आप प्रेम में बहुत ज्यादा डूब सकते हो और आपके साथी को पर्सनल समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
केतु को चंद्रमा का दक्षिणी नोडल बिंदु माना जाता है। केतु आपको ज्यादा आध्यात्मिक बना देता है। यह आपको सभी इच्छाओं और सुख-सुविधाओं से दूर कर देता है और आपको गहरी विद्या की ओर ले जाता है। यदि आप रुचि रखते हैं तो यह आपको एक सफल आध्यात्मिक करियर प्रदान करता है।
ज्योतिष में केतु की महादशा जब आपके भाग्य में ठीक से स्थित न हो तो आपको नुकसान, कर्ज और यहाँ तक कि निराश होने की भी संभावना होती है। अगर आप जीवनयापन के लिए अनावश्यक चीज़ों में उलझे रहते हैं तो केतु आप पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
राहु कुंडली में बड़े उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। यह आपके लिए लगातार चौंकाने वाली घटनाएँ रचता रहेगा। एक समय ऐसा आएगा जब आपको लगेगा कि सब कुछ बिखर रहा है, लेकिन अचानक सब कुछ ठीक हो जाने पर आपको खुशी हो सकती है।
इसके अलावा, ज़िंदगी में एक ऐसा पल भी आ सकता है जब आपको लगे कि आप खुश और शांत हैं और फिर आप अनगिनत समस्याओं से घिरकर सदमे में आ सकते हैं। यहाँ तक कि आपको किसी प्रियजन की मृत्यु का भी दुःख हो सकता है।
हिन्दी में कुंडली महादशा (Kundali mahadasha in hindi) बताता है कि मंगल की महादशा आपके मन को गुस्से से भर में देती है। मंगल के प्रभाव में व्यक्ति चीज़ों के प्रति अत्यधिक भावुक होता है और एक ईमानदार प्रेमी और कार्यकर्ता हो सकता है। इस दौरान उसमें आकर्षण और इच्छा भी बढ़ जाती है।
इस महादशा में इच्छाएँ बहुत बढ़ जाती हैं। जब कुंडली में मंगल की स्थिति गलत होती है तो आप विवाद और झगड़ा करने लगते हैं। रिश्तों पर बूरा असर पड़ने लगता है। इसके अलावा, दुश्मन भी इसका गलत लाभ उठाने की कोशिश कर सकते हैं।
बुध ग्रह के शासन में बुद्धि को विशेष महत्व दिया जाता है। इसलिए पत्रकारिता, लेखन और अन्य ऐसे व्यवसायों से जुड़े लोगों को लाभ होता है जिनमें बोलने की अच्छी कला मौजूद होती है। यदि बुध ग्रह की स्थिति सही हो तो लोगों की समझाने की क्षमता बढ़ जाती है।
व्यवसायी सौदे करने में सफल होते हैं। चुने गए उम्मीदवार इंटरव्यू में पास हो जाते हैं। पद का चयन ठीक से नहीं हुआ है तो हिचकिचाहट और उलझन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। बुध की महादशा व्यक्ति की कुंडली में 17 सालों तक रहती है।
महादशा का हिंदी में मतलब (Mahadasha meaning in hindi) है ग्रहों का लंबा असर या बड़ा समय काल। जब कोई व्यक्ति एक महादशा से दूसरी महादशा में जाता है तो महादशा परिवर्तन के कुछ प्रभाव निम्नलिखित हैं।
महादशा और उसके प्रभावों को रोकने के लिए सबसे प्रभावी उपाय वे हैं जो आपको ग्रह की ऊर्जा के साथ संतुलन बनाने में मदद करते हैं। आइए हिन्दी में कुंडली महादशा (Kundali mahadasha in hindi) के प्रभावी उपाय के बारे में जाने।
आपकी महादशा के स्वामी ग्रह के मंत्र का जाप करने से उसके सकारात्मक प्रभाव और भी बढ़ सकते हैं। उदाहरण के लिए, बृहस्पति की महादशा के दौरान, बुद्धि और भाग्य प्राप्ति के लिए प्रतिदिन ‘ॐ गुरुवे नमः’ मंत्र का जाप करें।
दान करना सबसे शक्तिशाली उपायों में से एक है। स्वामी ग्रह से जुड़ी वस्तुओं का दान करें। उदाहरण के लिए, शनि की महादशा में शनिवार को वस्त्र या भोजन दान करें। बृहस्पति की महादशा में गुरुवार को ज़रूरतमंदों को भोजन कराएँ।
स्वामी ग्रह के दिन व्रत रखने से सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। आप अपने आहार में भी बदलाव कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, मंगल की महादशा में गुस्सा न करें, जस्दबाजी न करें और मंगलवार को मांसाहारी भोजन से परहेज करें।
ग्रह से जुड़े रंग का प्रयोग उसकी ऊर्जा को संतुलित कर सकता है। अपने कपड़ों या आस-पास उस रंग का ज़्यादा प्रयोग करें। उदाहरण के लिए, बृहस्पति की महादशा के दौरान गुरुवार को पीला रंग पहनने से सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है।
बिना फायदा सोचे सेवा करना अत्यंत लाभकारी होता है। जरूरतमंदों की मदद करना या बदले में कुछ भी पाने की उम्मीद किए बिना अपना समय देना और मेहनत करना, ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है और मन की शांति प्रदान कर सकता है।
महादशाएँ ग्रहों की वे अवधियाँ हैं जिनसे हर इंसान या जीव गुज़रता है। इसका मतलब है कि प्रत्येक ग्रह आपके जन्म से लेकर एक निश्चित अवधि तक आपके जीवन को प्रभावित करता है। यह एक ऐसी स्थिति है जो आपकी जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति और आपके कर्म पर निर्भर करेगी।
नीचे क्लिक करें और अपनी कुंडली में अन्य दशाओं के प्रभावों का पता लगाएं: